
संचारभारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद के संचार क्षेत्र में आपका स्वागत है।सन् 1999 में स्थापित संचार क्षेत्र संस्थान में सबसे कम उम्र का है। अपनी स्थापना के बाद से, संचार क्षेत्र ने तेजी से छात्रों और कंपनियों के लिए अपनी पेशकश में वृद्धि की है। वर्तमान में, संचार क्षेत्र निम्नलिखित पाठ्यक्रम पेश करता है :- स्नातकोत्तर कार्यक्रम-1 (पीजीपी सामान्य और पीजीपी-एबीएम) कोर पाठ्यक्रम व्यापार चीनी (बी सी) पीजीपी, पीजीपी-एबीएम-1 कोर पाठ्यक्रम 1. लेखित विश्लेषण और संचार-1 (डबल्यूएसी-1)
2. लेखित विश्लेषण और संचार-2 (डबल्यूएसी-2) इस पाठ्यक्रम से जिस वातावरण में संगठन और उद्योग स्थित हैं, उसका अध्ययन करने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल के साथ छात्रों को तैयार किया जाता है। लिखित संचार कौशल बढ़ाने पर महत्त्व देना आज भी जारी है। छात्र विशेष संबंधित विषय का अध्ययन करने के बाद विश्लेषणात्मक रिपोर्ट लिखते हैं जिसका कारोबार पर प्रभाव पड़ सकता है। ये छात्र अन्य पाठ्यक्रमों में सीखी अवधारणाएँ, तकनीकें और उपकरणों को एक केस की स्थिति में लागू करते हैं और एक रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष पेश करते हैं। एक अंतिम असाइनमेन्ट में, वे एक कंपनी का प्रोफ़ाइल तैयार करते हैं, जो उद्योग के संदर्भ में कंपनी के प्रदर्शन और व्यवहार की पहचान और मूल्यांकन करने के लिए एक प्रयोग की तरह उनकी मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है। 3. बोल-चाल व्यापार संचार (एसबीसी) पीजीपी, पीजीपी-एबीएम-II ऐच्छिक प्रशिक्षक : डॉ. डायना पेटकोवा
यह पाठ्यक्रम छात्रों को सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रवृत्तियों से विकास में सांस्कृतिक पहचान कराने और उनका व्यक्तिगत एवं कंपनियों के विशिष्ट क्षेत्रों में अंतर सांस्कृतिक संचार विकसित करने लिए शुरू किया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय रूपरेखाओं में अत्यधिक प्रभावी ढ़ंग से काम करने के लिए व्यावहारिक कौशल को बढ़ावा देने और छात्रों को संस्कृतियों के बीच मतभेद की दिशा में पूर्वाग्रह से मुक्त एवं लचीला रवैया अपनाने में मदद करता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को गैर-जागरूक से जागरूक बातचीत के संचार में मदद करता है।
4. मुश्किल संचार (डीसी)
प्रशिक्षक: प्रोफेसर सुनील उन्नी गुप्तन यह पाठ्यक्रम तनाव, दबाव, और कठिनाईयों से, खास कर प्रबंधकीय स्थितियों के अंतर्गत संचार के साथ समझने में मदद करता है। यह पाठ्यक्रम बातचीत कौशल, अनुनय कौशल और अन्य मुश्किल संचार और संचार स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक दक्षताओं का अध्ययन करता है। भूमिका निभाना, मामलो के पट्टे, अनुकरण, और स्थिति विश्लेषण के साथ कार्यशाला पद्धति प्रयोग करके छात्रों को व्यक्तिगत संचार रणनीति निभाने और जटिल स्थितियों का प्रबंधन करने में मदद की जाती है। 5. अंतर सांस्कृतिक संचार क्षमता (आईसीसी) प्रशिक्षकः प्रोफेसर मीनाक्षी शर्मा, प्रोफेसर नागेश राव आज का वैश्वीकृत जगत् शिक्षा व व्यापार क्षेत्र में उन्नत और कार्यस्थल पर विविधता से, विशेष रूप से सांस्कृतिक विविध लोगों की अंतर्क्रिया से जुड़ा हुआ है। ऐसे वातावरण में प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए सांस्कृतिक दृष्टिकोण की सराहना करने व उसे समझने तथा संचार के लिए आवश्यक कौशल को प्राप्त करने की क्षमता विकसित करना अनिवार्य बन जाता है। इस पाठ्यक्रम में अवधारणाओं, पद्धतियों और अंतर सांस्कृतिक संचार की समस्याओं की समझ प्रदान करने पर ध्यान दिया गया है। इस पाठ्यक्रम में अंतर्निहित अवधारणा शामिल है और अंतर सांस्कृतिक व अंतरराष्ट्रीय संचार में बाधाओं का विश्लेषण इसमें शामिल है जिसे निपटने की रणनीतियाँ भी इसमें दी गई हैं। इसका दृष्टिकोण पारस्परिक से व्यापार स्थितियों की श्रेणी में हैं। प्रभावी अंतर सांस्कृतिक एवं अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के लिए इसमें छात्रों को सीखने, अभ्यास करने तथा उस पर प्रतिभाव करने के अवसर मिलते हैं। 6. प्रबंधकीय संचार (एमसी) प्रशिक्षक : प्रोफेसर ब्रृज कोठारी , प्रोफेसर नागेश राव , प्रोफेसर राजीव शर्मा यह पाठ्यक्रम संचार परिप्रेक्ष्य का विकास करता है जिससे कि अच्छे संचारक बेहतर प्रबंधक और नेता तैयार करते हैं। इसमें पारस्परिक, अंतरसांस्कृतिक संचार कौशल की तरह मौखिक, लिखित और दृश्य संचार कौशल समझाया जाता है। यह पाठ्यक्रम एक कारोबारी माहौल के लिए संचार की अवधारणाओं को लागू करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कौशल विकास पर जोर देने के साथ, छात्रों को व्यक्तिगत और समूह आधारित प्रस्तुतियों, वर्ग में उपस्थित रहकर, अवलोकन, रीडिंग, वीडियो, और प्रतिक्रियाओं से पढ़ाया जाता हैं। 7. मीडिया और सोसायटीः समूह संचार के अर्थशास्त्र, राजनीति, नीतिशास्त्र, प्रौद्योगिकियाँ प्रशिक्षकः परंजोय गुहा ठाकुरता, वीएफ़ इस पाठ्यक्रम में छात्रों को सामान्य रूप से एवं विशेष रूप से भारतीय समाज पर मास मीडिया के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव के बारे में अवगत कराया जाता है। यह पाठ्यक्रम सार्वजनिक सेवा प्रदान करने में मास मीडिया पर बाजारोन्मुख व वाणिज्य विचार के प्रभाव के साथ साथ उनकी भूमिका पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के प्रभाव की जाँच करवाता है। 8. संगठनात्मक संचार (ओसी) प्रशिक्षक : प्रोफेसर मुकुल वसावडा यह पाठ्यक्रम छात्रों को विश्लेषण, व्याख्या करने और संगठनात्मक संचार की तकनीक पर सुधार करने के लिए सक्षम बनाता है। यह पाठ्यक्रम संगठनों द्वारा नियोजित संचार रणनीति की जाँच और आकलन करता है। इस पाठ्यक्रम एक स्थानीय संगठन के साथ एक परियोजना आधारित गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई के एक प्रयोग को प्रोत्साहित करेगा। 9.प्रेरक संचार (पीसी) प्रशिक्षक : प्रोफेसर एम एम मोनीपल्ली यह पाठ्यक्रम छात्रों को अनुनय प्रयास, अपने स्वयं और दूसरों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए तीव्र प्रदर्शन के साथ साथ एक पूरी तरह से अनुनय में सैद्धांतिक पूर्ण प्रारंभिक शिक्षा देता है। यह पाठ्यक्रम प्रतिक्रिया, इतिहास और साहित्य से प्रेरक ग्रंथों का विश्लेषण, और एक अनुनय परियोजना के बाद मामले का अध्ययन, लेख / किताब / फिल्म समीक्षा, भूमिका निभाना, बोलचाल और लिखित विश्लेषण सहित शिक्षा के अनुभव का एक विवेकपूर्ण मिश्रण है। प्रशिक्षक: श्री सतीश दुर्योधन
यह पाठ्यक्रम छात्रों में समझौता वार्ता स्थितियों में प्रभावी संचार क्षमताओं को विकसित करने में मदद करता है। यह प्रमुख सिद्धांतों, व्यवस्थाओं और प्रभावी बातचीत के लिए तरीकों की मजबूत समझ विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। प्रयुक्त कार्य प्रणाली में अनुभवात्मक केस अध्ययन, सिमुलेशन, भूमिका निभाना, वीडियो, केस अध्ययन शामिल हैं, और छात्रों को अलग अलग रणनीति तैयार करने के साथ स्थिति का विश्लेषण करने में मदद करता है, जिससे वे कॉर्पोरेट के संदर्भ में जटिल आंतरिक और बाहरी वार्ता का प्रबंधन कर सकते हैं।
पीजीपीएक्स कोर पाठ्यक्रम 1. प्रबंधन संचार (एमसी पीजपीएक्स)
प्रशिक्षक : प्रोफेसर आशा कौल , प्रोफेसर एम एम मोनीपल्ली, प्रोफेसर मीनाक्षी शर्मा यह पाठ्यक्रम पीजीपीएक्स प्रतिभागियों को उनके संचार के नजरिए से प्रबंधकीय अनुभव प्रतिबिंबित करने का अवसर देता है। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को प्रबंधकों और नेताओं के रूप में अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने और संवाद स्थापित करने तथा कोर प्रबंधकीय कार्य प्रदर्शन के तरीके को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। प्रतिभागी वर्गखंड अभ्यास, मौखिक और लिखित कार्यभार, प्रतिक्रिया के साथ भूमिका निभाना आदि के माध्यम से पढ़ाई करते हैं, और प्रतिफल के माध्यम से मौजूदा कौशल को निखारते हैं। पीजीपीएक्स ऐच्छिक 1. टीम एवं नेतृत्व की प्रभावशीलता के लिए कोचिंग तथा परामर्श कौशल प्रशिक्षक : प्रोफेसर सुनिल उन्नी गुप्तन
काम करने वाली टीम के नेतृत्व के लिए पोषण एवं सहयोग एक अनिवार्य पहलू है। यह पाठ्यक्रम आत्मसात करने एवं कोचिंग विकसित करने, परामर्शन और नेतृत्व की अभिव्यक्ति के रूप में कौशल सलाह एवं टीम की प्रभावशीलता को दर्शाता है। यह छात्रों को अवधारणाओं, दृष्टिकोणों, व्यवहारों एवं सफल प्रशिक्षण के लिए आवश्यक कौशल परामर्शन एवं सगठनात्मक संदर्भ में परामर्शन को दर्शाता है। 2. प्रेरक प्रबंधक (टीपीएम)
प्रशिक्षक : प्रोफेसर एम एम मोनीपल्ली यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को अपने प्रबंधकीय अनुनय, अनुभव की समीक्षा और अपने मालिकों, साथियों, आश्रितों, और संभावित ग्राहकों के साथ निपटने में अनुनय चुनौतियों का सामना करने की क्षमता बढ़ाने का अवसर देता है। इसमें भ्रामक और धोखाधड़ी अनुनय के विरुद्ध एक अंतर्दृष्टि भी प्रस्तुत की जाती है। प्रतिभागियों को प्रतिक्रिया, चयनित रीडिंग में जोखिम, और एक जीवंत परियोजना के बाद मामले विश्लेषण और अनुकरण अभ्यास, के एक संयोजन से पढ़ाया जाता हैं। एफ़पीएम यह पाठ्यक्रम पीजीपी के लिए जो पाठ्यक्रम है, वही है। विवरण के लिए कृपया लिंक पर जाएँ।
2. प्रबंधन शिक्षकों के लिए संचार (सीएमएटी) प्रशिक्षक : प्रोफेसर विजय शेरी चाँद , प्रोफेसर राजीव शर्मा
इस पाठ्यक्रम में प्रबंधन शिक्षा और संचार के आयामों से छात्रों को उजागर किया जाता है। पाठ्यक्रम के पहले भाग में शैक्षणिक सिद्धांतों और तकनीकों की बात है, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अध्यापन किया जाता हैं। अनुकरण, अनुभवात्मक अधिगम, भूमिका निभाना और प्रस्तुतियों सहित तरीकों की एक विस्तृत विविधता को शामिल किया गया हैं। दूसरे भाग में शैक्षिक लिखित संचार, पाठ्यक्रम डिजाइन और प्रबंधन शिक्षा में मामला विधि पर ध्यान दिया गया है। प्रतिभागियों को एक मामला लेखन का अभ्यास कराया जाता हैं, और पाठयक्रम के अंत में स्थानीय प्रबंधन स्कूलों में शिक्षण सत्र आयोजित किये जाते हैं। एफ़डीपी प्रबंधन शिक्षकों के लिए संचार (सीएमएटी) समन्वयक : प्रोफेसर विजय शेरी चाँद , प्रोफेसर राजीव शर्मा यह पाठ्यक्रम एफ़पीएम के पाठ्यक्रम के जैसा ही है। विवरण के लिए कृपया लिंक पर जाएँ। एमडीपी [एमडीपी कार्यक्रम कैलेंडर के लिए यहाँ क्लिक करें ] 1. असरकारक संचार रणनीतियाँ: कार्यरत पुरुष एवं महिलाएँ समन्वयक: प्रोफेसर आशा कौल अवधि: 5 दिन (सोमवार - शुक्रवार), अप्रैल एक संगठन के लिंग प्रोफ़ाइल में परिवर्तन से उत्पन्न संचार मुद्दों का पता लगाते हुए प्रभावी संचार रणनीति (ईसीएस) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ईसीएस प्रतिभागियों को इस तरह के संगठनात्मक परिवर्तन के पीछे छुपे रणनीतिक इरादे के विश्लेषण में मदद करेगी। यह पुरुषों और महिलाओं के बीच इस तरह के बदलाव के मद्देनजर संचार के तरीके में उभरते मतभेद का अध्ययन करेगी। कार्यशाला एक ऐसा अवसर है, जहाँ प्रतिभागियों के लिए मिलनसार व्यवहार करना है, जिससे कि एक उत्पादक कार्य वातावरण का समर्थन विकसित किया जाए। 2. लोगों को साथ लेकर: प्रेरणा से प्रबंधन समन्वयक : प्रोफेसर एम एम मोनीपल्ली अवधि: 6 दिन (सोमवार-शनिवार), अगस्त जैसे कि शीर्षक इंगित करता है, अनुनय द्वारा प्रबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन विषयों में व्यक्ति की प्रभावित शैलियों, तर्कसंगत और भावनात्मक अनुनय के शारीरिक भाव, प्रबंध संपर्क (मालिक, आश्रितों, साथियों, ग्राहकों, आदि), मौखिक और लिखित अनुनय, बातचीत, भ्रामक अनुनय विरोध, और नैतिक अनुनय की पहचान करना शामिल हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को कार्यक्रम के संकाय के साथ एक के बाद एक परामर्शन के लिए अवसर मिलेंगे। 3. बढ़त जीत: नेताओं के लिए संचार रणनीतियाँ समन्वयक: प्रोफेसर मीनाक्षी शर्मा अवधि : 6 दिन (सोमवार-शनिवार), सितम्बर नेताओं के लिए संचार रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बढ़त जीत में, संचार चुनौतियों की एक श्रृंखला के लिए कई रणनीतियों के प्रति प्रतिभागियों में संवेदन जगाना है। बढ़त जीत प्रतिभागियों को नेताओं, प्रतिपालकों, और डेवलपर्स के रूप में बेहतर संवाद, बुरी खबर अच्छी तरह से देने, लोगों को साथ लेने, तर्क से मनाने, और प्रेरक प्रस्तुतियाँ और भाषण देने में मदद करता है। एरिया सदस्य:
प्राथमिक संकाय सदस्य: प्रोफेसर आशा कौल <Turn on JavaScript!> प्रोफेसर एम एम मोनीपल्ली <Turn on JavaScript!> - अध्यक्ष प्रोफेसर मीनाक्षी शर्मा <Turn on JavaScript!> गौण सदस्य: प्रोफेसर राजीव शर्मा <Turn on JavaScript!> प्रोफेसर विजय शेरी चंद <Turn on JavaScript!> सहायक संकाय: प्रोफेसर ब्रृज कोठारी <Turn on JavaScript!> प्रोफेसर मुकुल वसावडा <Turn on JavaScript!> डॉ.सुनिल उन्नी गुप्तन <Turn on JavaScript!> आगंतुक संकाय : डॉ. अवनि देसाई
डॉ. डायना पेटकोवा
डॉ. लियान झयांग
प्रोफेसर मंगेश पारेलकर
सुश्री मोनिका ग्रेवाल
श्री प्रंजय गुहा ठाकुर्ता
सुश्री रिंकू पटेल
डॉ. रोहिणी पटेल
श्री सतीश दुर्योधन
डॉ. सुगुना रामनाथन
अकादमिक सहायक:चित्रलेखा चक्रबर्ती जेसिका कोल्हो
काव्य साजवान
नमीता चन्द्र
पाखी ए शर्मा
राहुल शुक्ला
सौरभ शुक्ला
शिल्पा सावंत
सुधीर कुमार पांडेय
एरिया सचिव: श्रीमती सावित्री अम्मा पी <Turn on JavaScript!> |